21 नवंबर विश्व टेलीविजन दिवस, कैसे हुआ टेलीविजन का आविष्कार और विकास

टेलीविजन का आविष्कार जॉन लोगी बेयर्ड ने 1925 में लंदन में किया। बचपन में अक्सर बीमार रहने वाले जॉन का विज्ञान में गहरा रुझान था। स्कॉटलैंड में जन्मे जॉन ने 12 साल की उम्र में खुद का टेलीफोन बना लिया था। उन्होंने 1924 में बक्से, बिस्कुट के डिब्बे, सिलाई की सूई और पंखे की मोटर जैसे सामान से पहला टेलीविजन तैयार किया।
टेलीविजन शब्द ग्रीक और लैटिन के दो शब्दों “टैली” और “विजन” से बना है। “टैली” का मतलब है “दूरी पर,” और “विजन” का अर्थ है “देखना।” इसका मतलब है ऐसा उपकरण जो दूर की घटनाओं को हमारे सामने दिखा सके। आज टेलीविजन के जरिए हम घर बैठे दुनिया के किसी भी कोने में हो रही घटनाओं को देख सकते हैं।
1927 में फिलो फार्न्सवर्थ ने दुनिया का पहला कामकाजी टेलीविजन बनाया और इसे 1928 में लोगों के सामने पेश किया गया। उसी साल जॉन लोगी बेयर्ड ने रंगीन टेलीविजन का भी आविष्कार किया। 1940 में टेलीविजन का सार्वजनिक प्रसारण शुरू हुआ, और 1960 के दशक में इसे लोगों ने बड़े पैमाने पर अपनाना शुरू किया। टेलीविजन शब्द का पहली बार उपयोग रूसी वैज्ञानिक कॉन्स्टेंटिन परस्कायल ने किया था।
टेलीविजन के वैश्विक प्रभाव को मान्यता देते हुए, संयुक्त राष्ट्र ने 1996 में 21 नवंबर को विश्व टेलीविजन दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।
1941 में अमेरिका में ब्लैक एंड व्हाइट टेलीविजन की शुरुआत हुई, और 1953 में वहां पहला रंगीन टेलीविजन लाया गया। भारत में टेलीविजन की शुरुआत 15 सितंबर 1959 को हुई। यह ब्लैक एंड व्हाइट टेलीविजन शिक्षा और ग्रामीण विकास के उद्देश्य से लाया गया था। इसे “टेलीविजन इंडिया” कहा गया, जिसका नाम 1975 में बदलकर “दूरदर्शन” कर दिया गया।
15 अगस्त 1982 को भारत में रंगीन टेलीविजन की शुरुआत हुई, जिसे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लॉन्च किया। इसके बाद भारत में टेलीविजन ने तेजी से विकास किया। ब्लैक एंड व्हाइट से लेकर रंगीन टीवी, केबल से सैटेलाइट ब्रॉडकास्टिंग और अब एलईडी और स्मार्ट टीवी तक, यह तकनीक लगातार विकसित होती रही।
1955 में यूजीन पोली ने टेलीविजन के लिए रिमोट कंट्रोल का आविष्कार किया। शिकागो में जन्मे यूजीन जेनिथ इलेक्ट्रॉनिक्स में काम करते थे और उन्होंने “फ्लैश मैटिक” नामक रिमोट कंट्रोल बनाया।
टेलीविजन ने न केवल मनोरंजन का सबसे किफायती साधन प्रदान किया, बल्कि शिक्षा और सूचनाओं का महत्वपूर्ण स्रोत भी बना। आज, यह तकनीकी प्रगति के साथ इंटरनेट से जुड़कर स्मार्ट टीवी के रूप में हमारे जीवन का हिस्सा है।