अमरावती में १०८ कथा संकल्प के तहत ५७वीं भागवान कथा का आयोजन, भागवत गीता और हिंदू एकता का संदेश
अमरावती :- राधा मधुसूदन सनातन संस्कृति संस्था के माध्यम से अमरावती के समाझ सेवक चंद्रकुमार जाजोदिया (लप्पीभैया) ने १०८ कथा का संकल्प लिया उसमें से ५७ वी भागवान कथा हुई पूरी। इस कथा के कथा वाचक मधुपति दास महाराज थे। जिन्होंने भागवत कथा में भगवान श्रीकृष्ण के लीलाओं के बारे में बताया और भागवत गीता में पाठ, अभिषेक, यज्ञ, हर दिन कीर्तन , वारकरि भजन और सभी भागतो के लिए महाप्रसाद का भी आयोजन किया जाता था । 144 वर्षो में आए इस महाकुंभ मेले के बारे में बताया, त्रिवेणी संगम के बारेमे बताया ओर ये भी कहा कि हम भाग्य शाली है हमे महाकुंभ देखने मिला । इसी के साथ युवा पीढ़ी को नशा मुक्त रहने के बारे में बताया बच्चों को स्कूल में जाकर भगवत गीता के शॉक भी सिखाए ,हनुमान चालीसा का पठन सिखाता ओर हिंदू एकता के बारेमे बताया ।
इस समय इंदिरा बाई नाईक, निबाळकर,श्री चैतन्य चंद्र दास ,श्री अनादी पुरुष दास ,श्री रामकृष्ण विट्ठल दास , श्री महामंत्र दास ,श्री सुवर्णा पाटिल ,श्री रमेश माने ,श्री किशोर निंबालकर ,श्री रामदास पाटील ,अश्विन पाटिल ,श्री विनायक पाटिल , अनिकेत जोशी, प्रथमेश पाटिल, रवि नाईक, आकाश झोमबाड़े,रोशन गुप्ता व समस्त भक्तगन उपस्तित थे।