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निळकंठ विद्या मंदिर में अभिनंदन पेंढारी की अध्यक्षता में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई

नीलकंठ विद्या मंदिर में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की 134वीं जयंती उत्साह के साथ मनाई गई

अमरावती, 14 अप्रैल 2025: श्री नीलकंठ व्यायाम मंडल द्वारा संचालित नीलकंठ प्राथमिक विद्या मंदिर में भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की 134वीं जयंती 14 अप्रैल को सुबह बड़े उत्साह के साथ मनाई गई। इस जयंती समारोह की अध्यक्षता मंडल के पूर्व उपाध्यक्ष अभिनंदन पेंढारी ने की, जबकि मुख्य अतिथि अभिभावक प्रतिनिधि नरेशजी इंगोले थे।

कार्यक्रम का शुभारंभ
कार्यक्रम की शुरुआत अभिनंदन पेंढारी ने डॉ. बाबासाहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ की। इसके बाद स्कूल के शिक्षक विजय धनाडे और अविनाश राठौड़ ने पुष्पगुच्छ देकर अभिनंदन पेंढारी और नरेश इंगोले का स्वागत किया। शिक्षिका प्रार्थना घिरणकर ने कार्यक्रम की प्रस्तावना दी और छात्रों को डॉ. बाबासाहेब के जीवन और कार्यों का महत्व समझाया।

छात्रों और शिक्षकों की प्रस्तुति
इस अवसर पर स्कूल के छात्र शिवांश कोष्टिकर, पीयूष पुसदकर, नंदिनी चव्हाण, तन्मय विजयकर, प्रशांत वायधने, लावण्या मानमोडे, श्रुति साहू, अनुष्का कोठेकर, दिव्या डोळे, राखी मीना, युक्ति कुमरे, विभी साहू, सोनाली शेंबेकर, साधना इंगोले, वासमतकर, गौरी दुधे और शिक्षक मोहन नेहार ने डॉ. बाबासाहेब की जीवनी और उनके विचारों पर अपने विचार व्यक्त किए। इसके अलावा राधिका पारवे, गौरी कडू, रीना दुधे, किंजल थोरात और शिक्षक अजय इंगोले ने भीम गीत “चवदार तळ्याचे पाणी” प्रस्तुत किया, जिसे उपस्थित सभी लोगों ने खूब सराहा।

अभिनंदन पेंढारी का प्रेरक भाषण
कार्यक्रम के अध्यक्ष अभिनंदन पेंढारी ने अपने भाषण में डॉ. बाबासाहेब को नमन करते हुए कहा कि बाबासाहेब ने हमें संविधान दिया, जिसके आधार पर देश चल रहा है। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों के सहयोग से ही देश प्रगति करता है और प्रत्येक व्यक्ति को अपनी बात कहने का अधिकार है। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि उन्हें अच्छे से पढ़ाई करनी चाहिए, संगठित होना चाहिए और संघर्ष करना चाहिए। पेंढारी ने कहा कि स्कूलों में इस तरह के जयंती कार्यक्रमों के माध्यम से हम महान व्यक्तियों के कार्यों को समझते हैं और उनसे प्रेरणा लेते हैं। उन्होंने शिक्षिका प्रार्थना घिरणकर को विरागसागरजी द्वारा लिखित 18 लिपियों (कोड लिपि) की पुस्तक भेंट की और सुझाव दिया कि इस लिपि का ज्ञान छात्रों को देना चाहिए।

कार्यक्रम का संचालन और समापन
कार्यक्रम का संचालन प्रार्थना घिरणकर ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन आशीष गोहत्रे ने किया। इस अवसर पर शिक्षिका शीतल बिल्लेवार, राधा पंधरे, सोनाली जावरकर, किरण भेंडे, मेघा फुलबरकर, मेघा वानखड़े, अभिभावक और छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

सामाजिक प्रबोधन का संदेश
नीलकंठ विद्या मंदिर में आयोजित यह जयंती समारोह बाबासाहेब के विचारों के प्रचार और सामाजिक जागरूकता का एक प्रभावी मंच साबित हुआ। छात्रों और शिक्षकों द्वारा प्रस्तुत गीतों और विचारों ने बाबासाहेब के समता और शिक्षा के विचारों को नई पीढ़ी तक पहुंचाया। यह कार्यक्रम स्कूल के सांस्कृतिक और सामाजिक पहल का एक शानदार उदाहरण रहा।

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