जोशी मार्केट में शहर पुलिस की मॉकड्रील
अमरावती : अमरावती शहर के सबसे व्यस्त और लोकप्रिय जोशी मॉल में गुरुवार की दोपहर एक अनोखी हलचल देखने को मिली। मॉल के चारों ओर भारी पुलिस बल की तैनाती, फायर ब्रिगेड की गाड़ियाँ और हथियारबंद QRT जवानों की तेज गतिविधियां देखकर लोगों में खलबली मच गई। लेकिन थोड़ी ही देर में स्पष्ट हुआ कि यह कोई असली घटना नहीं, बल्कि एक मॉक ड्रिल थी।
क्या था मॉक ड्रिल का उद्देश्य?
यह सुरक्षा अभ्यास संभावित आतंकी हमले, बंधक संकट और आगजनी जैसी आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने की पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की तैयारी का आकलन करने के लिए आयोजित किया गया था।
ड्रिल में कौन-कौन शामिल रहा?
इस मॉक ड्रिल में अमरावती पुलिस के 150 से अधिक जवानों के साथ-साथ 15 से ज्यादा अधिकारी, मनपा फायर ब्रिगेड, ATS, क्राइम ब्रांच, QRT, और स्पेशल ब्रांच की टीमें सक्रिय रहीं।
ड्रिल के दौरान मॉल की घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन चलाया गया, संदिग्धों को निष्क्रिय किया गया और मॉक घायलों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
ACP जयदत्त भंवर ने क्या कहा?
सिटी न्यूज से खास बातचीत में एसीपी जयदत्त भंवर ने बताया:
“इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य पुलिस बल की तत्परता, आपसी समन्वय और रणनीतिक क्षमता को परखना था। सभी संबंधित विभागों ने मिलकर उत्कृष्ट सहयोग दिया।”
फायर ब्रिगेड ने दिखाई फुर्ती
आगजनी की स्थिति में मनपा फायर ब्रिगेड की टीम ने तेजी से प्रतिक्रिया देते हुए मॉल में फंसे लोगों को रेस्क्यू किया और आग बुझाने का सफल प्रदर्शन किया। इस ड्रिल ने उनकी तत्परता का भी प्रमाण दिया।
डेढ़ घंटे चला अभ्यास, जनता में भरोसा
करीब 90 मिनट तक चले इस मॉक ड्रिल ऑपरेशन ने यह साफ कर दिया कि अमरावती पुलिस किसी भी संकट की घड़ी में पूरी तरह से तैयार है। इस अभ्यास ने न केवल सुरक्षा बलों की आंतरिक ताकत को जांचा, बल्कि आम जनता में भी सुरक्षा को लेकर भरोसा पैदा किया।