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मंदिर में कुत्ते और कुतिया की हिंदू रीति रिवाज से कराई शादी, पांच सौ गांव वाले बने बाराती

हमीरपुर में मंदिर में कराई गई कुत्ते और कुतिया की शादी दो संतों ने हिंदू रीति रिवाज से संपन्न कराया विवाह गांव वाले को भेजा गया शादी का न्योता, पांच लोग हुए शामिल पंकज मिश्रा, हमीरपुर: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में कुत्ते और कुतिया की अनोखी शादी कराई गई। मंदिर के दो महंतों ने कुत्ते और कुतिया की हिंदू रीति रिवाज से शादी कराकर बड़ा संदेश  दिया। कुतिया को सोने चांदी के गहने पहनाकर शादी की सभी रस्में सम्पन्न कराई गई। बैंडबाजे की धुन में गांव के करीब पांच सौ लोगों ने हिस्सा लिया। साथ ही गांव वालों ने बराती बनकर जमकर डांस भी किया।

हमीरपुर जिले के सुमेरपुर थाना क्षेत्र के सौंखर और सिमनौड़ी गांव के बीहड़ में स्थित मनेश्वर बाबा शिवमंदिर है। मंदिर के महंत स्वामी द्वारिका दास महाराज ने अपने पालतू कुत्ते की शादी कराए जाने का फैसला किया। महंत ने कुत्ते कल्लू की शादी गांव से करीब चालीस किमी दूर परछछ गांव के बजरंगबली मंदिर के महंत स्वामी अर्जुन दास महाराज की पालतू कुतिया भूरी के साथ तय की थी।
गांव वालों को भेजा गया शादी का कार्ड रविवार को शुभ मुहूर्त में महंत द्वारिका दास महाराज, महंत अर्जुन दास महाराज ने अपने सहयोगियों और गांव के लोगों को कार्ड भेजकर विवाह में शामिल होने का आग्रह किया था। बारात मनेश्वर बाबा शिवमंदिर से गाजे-बाजे के साथ रवाना हुई। महंत ने बताया कि मवेशी इंसान से ज्यादा वफादार होते है। इसलिए दोनों पालतू जानवर की शादी कराकर समाज को इन बेजुबान जानवरों के प्रति प्रेम करने का संदेश दिया गया है।

सैकड़ों बारातियों के साथ दूल्हा बने कुत्ते का हुआ सत्कार कुत्ता कल्लू को दूल्हा बनाकर उसकी बारात की निकासी धूमधाम से कराई गई। बारात सौखर गांव की गलियों से होते हुए परछछ गांव स्थित बजरंगबली मंदिर पहुंची, जहां महंत अर्जुन दास महाराज ने बारात का अनोखे ढंग से स्वागत सत्कार किया। स्वागत सत्कार के बाद द्वारचार, चढ़ावा की रस्में हुई। भांवरे पड़ने के बाद कलेवा की रस्म भी संपन्न कराकर सैकड़ों बारातियों को खूब सम्मान करते हुए विदा भी किया गया। दुल्हन बनी कुतिया भूरी को पहनाए गए सोने चांदी के गहने मनेश्वर बाबा शिवमंदिर के महंत ने बताया कि परछछ गांव में कुत्ते की बारात का हिंदू रीति रिवाज के साथ स्वागत सत्कार किया गया है। पांच सौ से ज्यादा बारातियों को भोजन कराया गया। फिर कुत्ते कल्लू और कुतिया भूरी की शादी हिंदू रीति रिवाज के साथ संपन्न कराई गई। बताया कि कुतिया भूरी को महंत अर्जुन दास महाराज ने नए कपड़े पहनाए और सोने चांदी के जेवरात भी पहनाकर उसे विदा किया गया है। महंत अर्जुन अब समधी हो गए है।

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